Wednesday, November 11, 2009

आखरी रात

आखरी रात
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याद है मेहा जब हम पहेली बार मिले थे ...
हूँ.......

तारो से सजी चाँदनी रात है,और कोई दिन होता तो ये रात बड़ी ही कोमल और मुलायम उन अनगिनत प्रेम भरी रातों की तरह होती किंतु आज तो सिर्फ़ खामोशी है जैसे सब कुछ रुक सा गया हो. उन दोनो के बीच कितनी बातें रहेती थी कितनी ही अनगिनत रातें ख़त्म हुई किंतु बातें नही, किंतु आज तो जैसे शब्द ही खो गये है आज सिर्फ़ खामोशी है.रात के एक बज रहे है,चारो तरफ सन्नाटा पसरा है,सब लोग सो रहे है बस ये दो जीव है जीनकी आँखो मे नींद नही है.

शिशिर ने फिर से कहा, मेहा याद है ना जब हम पहेली बार मिले थे...
अनुमेहा: हाँ ...(होंठ काँप रहे थे)

मेहा ने शिशिर का हाथ अपने हाथ मे ले करके कहा मुझे किसी और से शादी नही करनी है.
शिशिर ने कोई उत्तर नही दिया....
शिशिर तुम सुन रहे हो ..मुझे किसी और से शादी नही करनी है ...
शिशिर ने मेहा का चेहरा अपने हाथो मे लेके उसकी आखों मे देखा...
और किसी ने कुछ नही बोला ...दोनो खामोश रहे बहोत देर तक.....
फिर शिशिर ने बोला:"मेहा...मेहा...तुम्हे पता है तुम मुझे जितना प्यार करती हो उतना कोई किसी को नही करेगा...उतना प्यार तो मै भी नही कर पाया कभी...किसी के अंदर उतनी सामर्थ्य नही है. प्यार क्या होता है ये हमने तुमसे ही सीखा है..
तुम्हे याद है मेहा एक बार तुमने कहा था की ये जो हमारा प्यार है ये हमारी अपनी दुनिया है..हमारे अंदर की दुनिया..और एक बाहर की दुनिया है जो हमारे कर्तव्यो की दुनिया है.
तो मेहा जब ये बाते तुमने ही मुझे सीखाई की ...कर्तव्य से अधिक महत्व की कोई वस्तु नही तो आज क्यो कमजोर पड़ती हो.माना की हमने बड़े प्यार से इस प्रेम को सीचा है..इसमे ढेर सारे फूल लगाए ..रीश्तो के हर अंधेरे को हमने टिमटिमाते तारों से सजाया है..किंतु हमारा ये प्रेम जिसमे हमने हमेशा आदर्शवादिता की बात की है ..क्या उनका अब कोई मतलब नही है..
मेहा हम एक दूसरे के है ..और ये परम सत्य है..इसको कोई परिवर्तित नही कर सकता है..और हम हमेशा एक दूसरे के रहेंगे..चाहे हम निकट हो या दूर."

अनुमेहा ने कहा : "हाँ शिशिर हमे त्याग करना होगा..परमपिता ने हमे मिलाया..हमे इतने सारे सपने दिए..इतनी सारी खुशिया दी..अब ये हमारा समय है देने का इस समाज को इस दुनिया को..ये समय है...ये समय है...(अनुमेहा के होंठ बुदबुदाने लगे) और उसकी आँखे भर आई.
शिशिर ये जो अनगिनत राते हमने जाग कर अथक परिश्रम कर छोटे छोटे टुकड़ो को जोड़ कर ये रिश्ता बनाया है..ये जो हमने अपनी सारी जींदगी इस रिश्ते के लिए अर्पण कर दिया ..क्या वो सब व्यर्थ था..क्या वो सब इसलिए था की इस रात के बाद हम वो सब भूल जाए...बोलो शिशिर चुप क्यो हो उत्तर दो?"

शिशिर ने कुछ नही बोला..उसने मेहा के उजले बगुले जैसे पैरो को अपने दोनो हाथों मे ले लिया..और अपने होंठ उसके पैरो पे रख दिए ..मेहा ने कुछ नही बोला ना ही उसने अपने पैर ही खीचे...दोनो शांत बहोत देर तक वैसे ही बैठे रहे..

अब धुँधलाका छटने लगा.. ख़त्म हो गयी वो आखरी रात और ख़त्म हो गया वो प्रेम भरी अनंत रातों का सिलसिला..नही ख़त्म हो पायी तो उनकी बाते..नही ख़त्म हो पाया तो वो अनंत विवाद जो चला आ रहा है अनंत काल से ..
अब तो सिर्फ़ वियोग है...विछोह है और पीड़ा है....

21 comments:

  1. yaar thoda language friendly version likh na story ka....u r hindi is too good for me

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  2. I would say this is simply awesome...good to see u back with bang ;)

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  3. @Snehal...this is natural..it's just come from inside..

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  4. Badee hee peedase bharee katha hai..aankh bhar aayee..

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  5. @shama and sujit..thanks for apreciation ...really nice to see u people ..keep in touch

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  6. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढ़े और अपनी बहुमूल्य
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  7. Manish Maurya.. U r the best... Very nicely put.. U can actually feel it.. Maza aa gaya!!

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  9. Bhaiya sishir ne Meha ko pane k liye koi effort kyo nahi kiya..........agar dono me itna pyar tha to dono ne ek dusre ko pane k liye koi effort kyo nahi kiya........shishir n meha ka pyar sirf shishir n meha k beech he kyo reh gaya....agar un dono ne ek dusre k liye itne sapne dekhe the to un sapno ko pura karne k liye unhone koi koshish kyo nahi ki......Compromise insan ko tabhi karna chahiye jab wo koshish kar ke thak jaye,lekin yaha to shishir aur meha ne bina koshish kiye he compromise kar liya.......

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  10. Excellent....!!! Abhi Wohi sab chal raha hai kya life me. 9 saal beet gaye sahab..

    I THINK, In life we all have an unspeakable secret,Irreversible regret,unkept promise, irreplacable loss,an unreachable dream & main thing
    Unforgetable Love

    Still Life is about being happy anyhow
    becoz everything in life can be summed up in just 3 words.....

    IT GOES ON.....!!!

    So mr. Atript Ji da se deewanapan chodo......

    April 22, 2011 10:01 AM

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  11. awesome vocab...

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